हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, उत्तर प्रदेश / आजमगढ़ में मदरसों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा मामला सामने आया है। जिले में संचालित लगभग 683 मदरसों में तीन सौ मदरसे ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर कागजों में हेरफेर करने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। जिन तीन सौ मदरसों में अनियमितता पायी गई है उनमें सौ ऐसे मदरसे हैं जिन्हें सरकार से सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही थीं। इनमें शिक्षकों की सैलरी से लेकर सभी जरूरी सहूलियतें शामिल हैं।
अब भौतिक सत्यापन में पाया गया है कि मदरसों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। भौतिक सत्यापन में पाया गया कि कई मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजों में संचालित हैं, जमीन पर मदरसे का कोई अस्तित्व ही नहीं है। कुछ मदरसे ऐसे हैं जहां नियमों को ताक पर रखकर एक ही घर के सभी लोग शिक्षक नियुक्त हो गए हैं। इस तरह से मदरसों के नाम पर मान्यता लेकर फर्जीवाड़ा करके सरकार को करोड़ों की चपत लगायी जा रही थी।
दरअसल, वर्ष 2017 में शासन स्तर से यूपी के सभी मदरसों का डेटा ऑनलाइन करने का आदेश जारी किया गया था। जिसके बाद मदरसों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करते समय आजमगढ़ के जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तरफ से सभी 683 मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें जिले के तीन सौ मदरसों का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। आरोप है कि आजमगढ़ में मदरसों के नाम से रजिस्ट्रेशन और मान्यता लेने के बाद दूसरे विद्यालयों का संचालन किया जा रहा था।
भौतिक सत्यापन में करीब 100 ऐसे फर्जी मदरसे पकड़ में आए, जो सिर्फ कागजों में मौजूद थे। इनका जमीन पर कोई अस्तित्व ही नहीं था। भौतिक सत्यापन कराने पर पता चला कि मदरसे जिन इलाकों में कागजों पर दर्शाए गए हैं, वहां उन मदरसों का कोई वजूद ही नहीं है। ऐसे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने लगभग तीन सौ मदरसों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की थी, जिसकी जांच योगी सरकार ने एसआईटी से करायी है।
एसआईटी की पहली जांच में पाया कि आजमगढ़ जनपद के मुबारकपुर में करीब दर्जनभर से अधिक मदरसे ऐसे हैं, जहां पर मानकों को दरकिनार करके मान्यता ली गई है, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्त में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। मामले में एसआईटी ने लगभग 23 ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है जिसमें कई मदरसा संचालक, शिक्षक और कर्मचारी शामिल हैं।
अब दूसरे चरण में आजमगढ़ के करीब ढ़ाई सौ से अधिक मदरसों की एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है। जिसकी जांच पूरी होने के बाद जल्द ही मदरसा संचालकों और अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ एक और बड़ी कार्यवाही की जा सकती है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य उत्कर्ष सिंह ने बताया है कि वर्ष 2017 में उनके द्वारा जनपद के मदरसों की जांच करायी गई थी, जिसमें तीन सौ से अधिक मदरसों में अनियमितता पायी गई थी। सभी की मान्यता रद्द करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी।
उन्होंने बताया कि शासन को भेजी रिपोर्ट के बाद पहले चरण की जांच में कई मदरसा संचालकों, शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ एसआईटी ने एफआईआर दर्ज की है। बाकी अन्य मदरसों की जांच प्रक्रिया चल रही है।